कंप्यूटर ग्राफिक्स कंप्यूटर के सहयोग से सृजित ग्राफिक्स
यानि रेखाचित्र होते हैं। इनमें अधिकांशतः चित्र डाटा का कंप्यूटर के द्वारा
प्रदर्शन और परिवर्तन किया गया होता है। कंप्यूटर ग्राफ़िक्स के विकास से
कंप्यूटरों के कई प्रकार के डाटा को समझने,
भाषांतर करने और प्रयोग करने के अनुभव बढ़े हैं। कंप्यूटर
ग्राफ़िक्स के क्षेत्र में विकास के साथ एनिमेशन, मूवीज़ और वीडियो खेलों
में बहुत बड़ी प्रगति हुई है।
आज हर घर में अपनी जगह बना चुका कंप्यूटर शायद इतना उपयोगी
और लोकप्रिय नहीं हो पाता यदि कंप्यूटर ग्राफिक्स की दुनिया में इतने सारे नए
प्रयोग देखने को नहीं मिले होते। यह टॉपिक कंप्यूटर कोर्सेज का भी एक अहम हिस्सा
होता है और करियर के लिहाज़ से भी यह हॉट च्वॉइस रहता है।
एक से बढ़ कर एक कंप्यूटर गेम्स के रोमांच का मज़ा लेने से
लेकर कंप्यूटर पर एनिमेटेड मूवीज़ का लुत्फ उठाना इतना मज़ेदार और आसान नहीं होता
यदि ग्राफिक्स में दिन प्रतिदिन नई हलचलें नहीं मचती। आजकल सभी सॉफ्टवेयर जीयूआई
आधारित होते हैं जिस कारण इन्हें उपयोग करना काफी आसान हो जाता है। इंटरफेस के रूप
में यहां मेन्यू,
आइकॉन आदि का उपयोग किया जाता है, जो
काफी सुविधाजनक और फास्ट होता है। वास्तव में यह सब ग्राफिक्स का ही तो खेल होता
है।
कंप्यूटर के द्वारा बनाए जाने वाले ग्राफिक्स कंप्यूटर
ग्राफिक्स कहलाते हैं। इसे इस प्रकार से भी कहा जा सकता है कि कंप्यूटर द्वारा
इमेज डाटा को जब रिप्रजेंट और मैनिपुलेट किया जाए तो उसे ग्राफिक्स कहते हैं।
एनिमेशन, मूवीज़, गेम्स इंडस्ट्रीज़ आदि में इसका खूब प्रभाव पड़ा है। कंप्यूटर द्वारा जब डाटा
का पिक्टोरियल रिप्रेजंटेशन और मैनिपुलेशन किया जाता है तो उसे हम ग्राफिक्स कह
सकते हैं। कंप्यूटर ग्राफिक्स कंप्यूटर साइंस का एक फील्ड है, जिसके
अंतर्गत हम विजुअल कंटेंट को मेनिपुलेट और डिजिटली सिनथेसाइजिंग करने के विधि के
बारे में पढ़ते हैं।
एनिमेशन भी कंप्यूटर ग्राफिक्स के अंतर्गत ही आता है।
एनिमेशन वास्तव में कंप्यूटर की सहायता से मूविंग इमेज (चलती-फिरती पिक्चर) बनाने
की कला है। आपको राज़ की बात बताते हैं कि जब भी आप ऐसे एनिमेटिड इमेज देखें तो यह
मत सोचिए कि वास्तव में यह चलती फिरती इमेज है। दरअसल होता यह है कि जब स्क्रीन पर
कोई इमेज दिखती है तो बहुत जल्द उसी तरह की दूसरी इमेज पहले वाले इमेज को रिप्लेस
करती रहती है। यह प्रक्रिया इतनी तेज़ी से होती है कि हम समझ बैठते हैं कि इमेज
मूवमेंट कर रही है,
जबकि वास्तव में एक इमेज दूसरे इमेज को इसके थोड़े आगे-आगे
रिप्लेस करती रहती है।
एप्लीकेशन एरिया :
एजुकेशन, साइमुलेशन,
ग्राफ रिप्रेजंटेशन,
इंजीनियरिंग,
मेडिसिन,
इंडस्ट्री,
आर्ट,
एंटरटेनमेंट आदि सभी क्षेत्रों में कंप्यूटर ग्राफिक्स का
बोलबाला है। कंप्यूटर-एडेड डिज़ाइन द्वारा इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर में
ग्राफिक्स का खुब इस्तेमाल किया जाता है। फाइन आर्ट, कमर्शियल आर्ट एप्लीकेशंस
में भी इसका उपयोग किया जाता है। टेलीविज़न शोज़, म्यूज़िक वीडियो, मोशन
पिक्चर्स आदि में भी ग्राफिक्स का ही कमला रहता है।
ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर :
ग्राफिक्स के लिए उपलब्ध सॉफ्टवेयर को आमतौर पर दो भागों में रखा जाता है-जनरल
प्रोग्रामिंग पैकेज और स्पेशल परपज एप्लीकेशंस पैकेज। जनरल प्रोग्रामिंग पैकेज
सॉफ्टवेयर में कई ग्राफिक्स फंक्शंस होते हैं, जो हाई-लेवल प्रोग्रामिंग
लैंग्वेजों में उपयोग किए जाते हैं। इन फंक्शंस द्वारा पिक्चर कंपोनेंट्स डिज़ाइन
किए जाते हैं। स्पेशल एप्लीकेशंस पैकेज आमतौर पर उनके लिए हैं, जो
कंप्यूटर एक्सपर्ट तो नहीं होते,
फिर भी डिस्प्ले जेनरेट कर सकते हैं। 3D Max. Aladdom 4 D,Cinema
4D, Maya, Modo आदि ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर्स हैं।
क्या है ग्राफिक डिजाइनिंग
ग्राफिक डिजाइनिंग में मूल रुप सें विजुअल सें संबंधित
समस्याओं को हल करा जाता है। इसमें टेक्स्ट और ग्राफिकल एलिमेंट का प्रयोग किया
जाता है। इसका मुख्य कार्य पेज एवं अन्य पोग्राम को आकर्षक और सुंदर बनाने का होता
है।
सही माएनों में ग्राफिक डिजाइन वह आर्ट है जिसमें टेक्स्ट
और ग्राफिक के द्वारा किसी संदेश को लोगो तक प्रभावी तरीके से पहुंचाया जाता है।
ये संदेश ग्राफिक्स,
लोगो,
ब्रोशर,
न्यूज लेटर,पोस्टर या फिर किसी भी रुप में हो सकते हैं।
संभावनाएँ
करियर विशेषज्ञों के अनुसार इस क्षेत्र में स्किल्ड
लोगों की बेहद माँग है। विज्ञापन एजेंसी,
पब्लिक रिलेशन,
न्यूज पेपर,
मैगजीन,
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आदि क्षेत्रों इस कोर्स को करने के बाद
रोजगार के अच्छे अवसर प्राप्त हो जाते हैं। यदि आपके अंदर योग्यता है तो रोजगार
जरुर मिलेगा। देश मे बैठ कर भी लोग विदेशी कम्पनियों के लिए काम करके अच्छे पैसे
कमा सकते हैं। ये लोग इटंरनेट के जरिये अपने काम को अजांम देते हैं।
न्यूजपेपर व टीवी चैनलों की बढ़ती संख्या ने भी इस क्षेत्र
में आने वाले युवाओं के लिए रोजगार के कई दरवाजे खोल दिए हैं। स्टेश्नरी प्रिटिंग, इंटीरियर
आर्किटेकचर, प्रोडक्ट पैकेज डिजाइनिंग,
एनिमेशन आदि में रोजगार के अवसर मौजूद हैं। इस क्षेत्र में
शुरुआती दौर से ही अच्छा वेतन मिलने लगता है। एक बार अनुभव हो जाने पर अच्छा
डिजाइनर एक से डेढ़ लाख रुपय तक कमा लेता है।
कम्प्यूटर,
मोबाइल एवं अन्य कम्प्यटिंग डिवाइसों पर हिन्दी में टाइप
करने के लिये विविध तरीके प्रयोग किये जाते हैं। इनमें विविध प्रकार की टाइपिंग, विविध
प्रकार के कीबोर्ड एवं सॉफ्टवेयर शामिल हैं।
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