समाचार पत्र का मूल उददेश्य अपने पाठकों को दिनभर के समाचारों की सूचना देना है लेकिन समाचार पत्र में केवल समाचारों की प्रस्तुति कर दी जाय तो न केवल पाठक नही उसे नापसन्द करेंगे बल्कि वह पत्र नीरस व अप्रभावी भी रहेगा। समाचारों का अच्छे से अच्छा संकलन भी पाठक को तब तक आकर्षित नहीं करता जब तक कि वह उचित साज सज्जा व डिजाइन ग्राफिक्स आदि के साथ प्रस्तुत न हो।
यह इंडस्ट्री सालाना 23 फीसदी की तेज गति से बढ़ रही है। टीवी से लेकर फिल्मों और ऐडवर्टाइजिंग तक हर एंटरटेनमेंट सेक्टर को किसी एनिमेटर के विशेषज्ञ की आवश्यकता होती है। एनिमेशन में डिग्री रखने वाले स्टुडेंट्स के सामने करियर के व्यापक विकल्प उपलब्ध होते हैं, जैसे कैरेक्टर मॉडलिंग, रिगिंग, 2डी और 3डी एनिमेशन और गेम डिजाइन। एनिमेशन में तीन स्टेज होते हैं-प्री प्रोडक्शन, प्रोडक्शन और पोस्ट प्रोडक्शन।
कार्य की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह अपनी सर्जना शक्ति तथा उपलब्ध साधनों का उपयोग कितने उत्तम ढंग से करता है।
एनीमेशन हरकत का भ्रम पैदा करने के लिए 2-डी या 3-डी कलाकृति या मॉडल छाविओं का तेज़ी से प्रर्दशित होने वाला एक अनुक्रम है। यह हरकत (motion) का प्रकाशिक भ्रम (optical illusion) दृष्टि के हठ (persistence of vision) के कारण है।
एनिमेशन लैटिन भाषा के शब्द 'एनिम' से बना है, जिसका मतलब है सोल यानी आत्मा। वास्तव में एनिमेशन किसी भी कैरेक्टर में जान फूंकने का सशक्त माध्यम बन गया है। इसी को एनिमेशन कहा जाने लगा है। कोई भी टू-डी पेंटिंग, किसी वस्तु विशेष के चित्र या किसी स्टेच्यू में जान फूंककर उन्हें स्पेशल इफेक्ट्स द्वारा पर्दे पर जिंदा किया जा सकता है। इन्हें चित्रों की सीरीज द्वारा मूवमेंट दी जाती है, जिसे थ्री-डी टेक्निक कहा जाता है। स्टुअर्ट लिटिल, रामायण, हनुमान, हनुमान रिटर्न्स और बाल गणेश इसी के उम्दा उदाहरण हैं। खास बात यह भी है कि एनिमेशन केवल बच्चों को ही आकषिर्त नहीं कर रहा, हर उम्र के लोग इन फिल्मों और प्रोग्राम्स को बेइंतहा पसंद कर रहे हैं। कुछ हालिया फिल्मों की धमाकेदार सफलताएं इसका प्रमाण हैं। कुछ लोगों का तो यहां तक मानना है कि बच्चों को अपनी संस्कृति और पुरानी परंपराओं से वाकिफ कराने के लिए भी एनिमेशन एक अच्छा जरिया बन गया है।
एनिमेशन की दुनिया पूरी तरह से कल्पना और तकनीक पर आधारित है। इसमें सारा कार्य एक जगह बैठे-बैठे विभिन्न सॉफ्टवेयर्स की मदद से कम्प्यूटर पर किया जाता है। इसमें एनिमेशन विषेशज्ञ की भूमिका सबसे अधिक होती है, जिसकी मदद से वह विभिन्न प्रकार के कृत्रिम दृश्यों एवं घटनाओं को वास्तविकता का जामा पहनाया जाता है। एनिमेशन का कार्य वे लोग ही अच्छी तरह से कर सकते हैं, जो क्रिएटिविटी लिए होते हैं और उनकी कल्पना करने की क्षमता अच्छी होने के साथ-साथ कम्प्यूटर का भी नॉलेज होता है। एनिमेशन कार्य के लिए कई तरह की तकनीकी जानकारियों की जरुरत होती है, जैसे-स्क्रिप्टिंग, स्कल्पटिंग, लाइफ ड्राइंग, मॉडल एनिमेशन आदि।
डिजिटल दौर में अलग-अलग क्षेत्रों में एनिमेशन के बढ़ते इस्तेमाल के कारण इस क्षेत्र में नौकरियां तेजी से बढ़ रही हैं। फिल्मों के अलावा, गेमिंग, वेब डिजाइनिंग, मेडिकल, प्रिंटिंग, रियल एस्टेट इत्यादि क्षेत्रों में एनिमेशन आज महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज दुनियाभर में एनिमेशन का बाजार बहुत तेजी से फैल रहा है। पिछले कुछ वर्र्षो में भारत ने भी इस फील्ड ने नया मुकाम हासिल किया है। आज पोस्ट प्रोडक्शन हाउस, स्टूडियो, टीवी चैनलों, एड एजेंसियों, वेब कंपनियों और गेम्स इंडस्ट्री में एनिमेशन से जुड़ी नौकरियों की भरमार है। आज आर्किटेक्चर, मूवी प्रोडक्शन, ई-लर्निंग जैसे सभी क्षेत्रों में एनिमेशन की जरूरत पड़ती है। एंटरटेनमेंट, विज्ञापन, बिजनेस, फैशन डिजाइनिंग, इंटीरियर डिजाइनिंग, मेडिकल, लॉ और बीमा कंपनियों के प्रेजेंटेशन और मॉडल बनाने में भी एनिमेशन और वेब डिजाइनिंग के लिए संभावनाएं हैं। खेलों से जुड़े उद्योग, जिनमें वीडियो और मोबाइल गेम्स शामिल हैं, को भी अच्छे एनिमेटर चाहिए।
2d एनीमेशन
आकर कंप्यूटर पर 2D बित्माप ग्राफिक्स (bitmap graphics) या 2D वेक्टर ग्राफिक्स (vector graphics) के मदद से बनाए / संपादित किए जाते हैं।
तकनीकों के रूप
अनुरूप कंप्यूटर ऐनिमेशन (Analog computer animation)
फ़्लैश ऐनिमेशन (Flash animation)
पावर पॉइंट एनीमेशन (PowerPoint animation)
क्या है 3डी एनिमेशन?
3डी एनिमेशन सॉफ्टवेयर आधारित कोर्स है, जिसमें 3डी स्टूडियो मैक्स, माया, सॉफ्ट इमेज आदि प्रमुख हैं। दरअसल, 3डी स्टूडियो मैक्स, माया, सॉफ्ट इमेज सॉफ्टवेयर्स की मदद से रीयल लाइफ इमेज बना सकते हैं। इसमें तीन डायमेंशन (एक्स, वाई और जेड) होते हैं। इसमें पहले मॉडलिंग के जरिए वस्तु का निर्माण करते हैं। फिर एनिमेशन से उसे मूव कराते हैं। आजकल कैरेक्टर एनिमेशन का जमाना है, जिसमें वस्तु को बनाकर उसमें गति प्रदान की जाती है। एनिमेशन में कई तरह की तकनीकी उपयोग में लाई जाती हैं, जिसमें मुख्य रूप से पारंपरिक एनिमेशन, स्टॉप मोशन एनिमेशन, रोटोस्कोपिंग एनिमेशन, कम्प्यूटर जेनरेटेड 3डी एनिमेशन, क्लेमेशन आदि प्रमुख हैं। कम्प्यूटर में 3डी एनिमेशन के उपयोग से कार्य करने की गति कई गुना बढ़ गई है।
3डी एनिमेशन फिल्म को बनाने के लिए कई स्तर पर कार्य होते हैं। सबसे पहले स्क्रिप्ट आपके जेहन में साफ होना चाहिए। फिर इसके हिसाब से कैरेक्टर्स का खाका तैयार किया जाता है। इसके बाद कैरेक्टर्स और कहानी के हिसाब से फिल्म के एनिमेशन तैयार किए जाते हैं। इसके अलावा, फिल्म से जुड़े कुछ अन्य पहलुओं, जैसे- लाइटिंग, स्क्रिप्ट, डायनेमिक्स, वॉयस रिकॉर्डिंग, डिजिटल एडिटिंग के जरिए एनिमेशन फिल्म तैयार होती है। इस फील्ड में एनिमेशन से जुड़ी तकनीकी बारीकियों की समझ आपकेलिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।