सबसे अधिक पढ़ी गई पोस्ट

Tuesday 22 November 2016

न्यूज सोर्स (समाचार स्त्रोत)

न्यूज सोर्स (समाचार स्त्रोत)

समाचार किसी भी समाचार पत्र, पत्रिका या चैनल की आत्मा होती है। जिस समाचार पत्र को ज्यादा पढ़ा जाता है या जो समाचार पत्र लोगों के बीच ज्यादा लोकप्रिय होता है उसे ही कोई भी कंपनी विज्ञापन देना पसंद करती है। लोग उसी समाचार पत्र को पढ़ते हैं जिसकी खबरें विश्वसनीय होती हैं। अत: विश्वसनीय खबरों के लिए अच्छे NEWS SOURCE (समाचार स्त्रोत)भी होने चाहिए।
जिस समय हमारे पास इंटरनेट नहीं था उस समय समाचार स्त्रोत 3 प्रकार के होते थे। ये तीनों प्रकार निम्न है।

1. ज्ञात स्त्रोत- समाचार प्राप्त करने के लिए ऐसे स्त्रोत जिनकी आशा, अपेक्षा या अनुमान हमे पहले से ही होता है इस प्रकार के स्त्रोत ज्ञात स्त्रोत कहलाते हैं।
उदाहरण- पुलिस स्टेशन, ग्राम पालिका, नगर पालिका, अस्पताल, न्यायालय, मंत्रालय, श्मशान, विविध समितियों की बैठकें, सार्वजनिक वक्तव्य, पत्रकार सम्मेलन, सरकारी-गैर सरकारी संस्थाओं के सम्मेलन, सभा-स्थल पर कार्यक्रम आदि समाचार के ज्ञात स्त्रोत हैं।
मान लीजिए आपको किसी क्राइम की खबर की रिपोर्टिंग करनी है तो उसके लिए आपको पहले से ही पता है कि क्राइम की खबर पुलिस स्टेशन में मिलेगी। अथार्त हमें पहले से ही ज्ञात है कि कौन सी खबर कहां मिलेगी इसे ही ज्ञात स्त्रोत कहेंगे।

2.अज्ञात स्त्रोत- समाचार प्राप्त करने के लिए ऐसे स्त्रोत जिनकी आशा व अपेक्षा नहीं होती और जहां से समाचार अचनाक प्राप्त होते हैं समाचार प्राप्ति के अज्ञात स्त्रोत कहलाते हैं। सरल भाषा में हम कह सकते हैं कि वैसे स्त्रोत जिनके बारे में हमें पता नहीं होता। उदाहरण के लिए अचानक से कहीं सड़क हादसा हो गया।

3.पूर्वानुमानित स्त्रोत- समाचार प्राप्त करने के वैसे स्त्रोत जिनके बारे में पहले से अनुमान लगाया गया हो पूर्वानुमानित स्त्रोत कहलाते हैं।
उदाहरण के लिए हम मौसम का पुर्वानुमान लगा सकते हैं और पुर्वानुमान पर ही ज्यादातर मौसम की खबरें प्रकाशित होती हैं।
अगर किसी मोहल्ले में गंदगी है तो हम ये अनुमान लगाकर स्टोरी कर सकते हैं कि यहां कोई बीमार होगा या होने वाला है।
जब हम किसी नेता से मिलने जाते हैं तो हम ये अनुमान लगा सकते हैं कि महोदय किस विषय पर विचार रखेंगे या कौन सा विवादीत बयान दे सकते हैं।
हम यह कह सकते हैं कि पूर्वानुमानित स्त्रोत ऐसे स्त्रोत हैं जो हमें अलर्ट रखते हैं।

समाचार के अन्य स्त्रोत-

इंटरनेट के आने के बाद सूचना के क्षेत्र में गजब की क्रांति आई। इसमें कोई दोराय नहीं कि इक्कीसवीं सदी में सूचना क्रांति की धमक के साथ पाठक या दर्शक भी इतना जिज्ञासु हो चुका है कि समय बीतने से पहले वह सब कुछ जान लेना चाहता है, जो उससे जुड़ा है और उसकी रुचि के अनुरूप है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि समाचारों के परम्परागत स्त्रोतों और नये उभरते स्त्रोतों के बीच सार्थक समन्वय स्थापित करके वह सब कुछ समाचार के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया जाए, जो डिमांड में है। कुछ ऐसे ही महत्वपुर्ण समाचार स्त्रोत निम्न हैं।

1. REPORTER (संवाददाता)
किसी भी मीडिया संस्थान के लिये सबसे सटिक समाचार स्त्रोत उसका अपना रिपोर्टर ही होता है। रिपोर्टर द्वारा दी गई जानकारी या खबर पर ही संस्थान को सबसे ज्यादा विश्वास होता है। इसलिये किसी कवरेज पर गये संवाददाता की रिपोर्ट को प्राथमिकता दी जाती है और उस कवरेज से जुड़ी विज्ञप्तियों को नकार दिया जाता है।
बड़े-बड़े मीडिया संस्थानों में रिपोर्टरों की एक लंबी टीम होती है। समाचारों में विषयवस्तु के हिसाब से ही संवाददाताओं को तैनात किया जाता है। आज कल राजनीतिक दलों के लिये अलग – अलग रिपोर्टर, शिक्षा-संस्कृति, साहित्य, खेल, अर्थ, विज्ञान, फैशन, न्यायालय, सरकारी कार्यालयों के लिए अलग रिपोर्टर या पुलिस और अपराध आदि विषयों व विभागों की खबरों के लिये क्राइम रिपोर्टर रखना हर संस्थान के लिए जरुरी हो गया है । आजकल लगभग हर मीडिया संस्थान समाचार के बाजार में अपना कब्जा बनाने के लिये छोटे – छोटे गांवों और पिछड़े बाजारों में भी अपना रिपोर्टर तैनात करता है।

2. NEWS AGENCY
रिपोटर्स के बाद समाचार प्राप्त करने का दूसरा स्त्रो न्यूज एजेंसियां हैं। देश – विदेश की कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिये मीडिया संस्थान को इन्हीं पर निर्भर रहना पड़ता है। छोटे और कुछ मझोले संस्थान तो पूरी तरह इन्हीं पर निर्भर होते हैं। देश के दूरदराज इलाकों व विदेशों के विश्वसनीय समाचार प्राप्त करने का यह सस्ता व सुलभ साधन है।
अपने देश में मुख्य रुप से चार राष्ट्रीय न्यूज एजेंसियां काम कर रही हैं। ये हैं यूनाइटेड न्यूज आफ इंडिया (यूएनआई), प्रेस ट्रस्ट आफ इंडिया (पीटीआई), यूनीवार्ता और भाषा। यूएनआई और पीटीआई अंग्रेजी की न्यूज एजेंसी हैं, जबकि यूनीवार्ता व भाषा इन्हीं की हिन्दी समाचार सेवाएं हैं। इनके अलावा समाचार चैनलों के लिए एएनआई है जो वीडियो सेवा उपलब्ध करवाता है।

3. INTERNET
आज के समय में समाचारा प्राप्त करने का इंटरनेट एक महत्वपूर्ण स्त्रोत बन गया है। दफ्तर में बैठे-बैठे एक क्लीक से हम देश भर के तमाम सामाचार जान सकते हैं और उनका प्रयोग कर सकते हैं। सच कहा जाये तो इंटरनेट और इंट्रानेट ने समाचार पत्रों व उनके कार्यालयों की शक्ल ही बदलकर रख दी है। बहुतेरे समाचारों के इंटरनेट संस्करण भी निकाले जा रहे हैं। कई समाचार पत्र तो इंटरनेट के भरोसे ही देश – विदेश का पूरा पृष्ठ प्रकाशित करते हैं। इंटरनेट पर फोटो के साथ-साथ समाचारों के विजुअल भी आसानी से प्राप्त हो जाते हैं।कई लोग तो अपने द्वारा ली गई वीडियो या समाचार इंटरनेट के माध्यम से वायरल कर रहे हैं। आज के समय में फेसबुक और ट्वीटर जैसी साइटों से भी समाचार मिलने लगे हैं। आजकल नेता समचार चैनलों पर बयान देने के बजाय ट्वीटर पर ट्वीट करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

4. PRESS RELEASE (विज्ञप्तियां)
विज्ञप्तियां समाचारों की बहुत बड़ी स्त्रोत होती हैं। कई बार समाचार पत्र के पृष्ठों को भरने के लिये ताजा समाचार उपलब्ध ही नहीं होते, ऐसे में ऑफिस में आईं विज्ञप्तियां यानी प्रेस नोट मह्तवपुर्ण भूमिका निभाती हैं। प्राय: विज्ञप्तियां दो प्रकार की होती हैं – सामान्य और सरकारी विज्ञप्तियां।
प्रेस विज्ञप्तियाँ- सरकारी विभाग, सार्वजनिक अथवा व्यक्तिगत प्रतिष्टान तथा अन्य व्यक्ति या संगठन अपने से सम्बन्धित समाचार को सरल और स्पष्ट भाषा में लिखकर समाचार-पत्र के कार्यालयों में प्रकाशन के लिए भेजवाते हैं। सरकारी विज्ञप्तियाँ चार प्रकार की होती हैं।
 (अ) प्रेस कम्युनिक्स- शासन के महत्वपूर्ण निर्णय प्रेस  कम्युनिक्स के माध्यम से समाचार-पत्रों को पहुँचाए जाते हैं। इनके सम्पादन की आवष्यकता नहीं होती है। इस रिलीज के बाएँ और सबसे नीचे कोने पर सम्बन्धित विभाग का नाम, स्थान और निर्गत करने की  तिथि अंकित होती है।
 (ब) प्रेस रिलीज- शासन के अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण निर्णय प्रेस रिलीज के द्वारा समाचार-पत्र के कार्यालयों को प्रकाषनार्थ भेजे जाते हैं। जैसे रेल भाड़ा अथवा  ब्याज-दरों में वृद्धि।
 (स) हैण्ड आउट- दिन-प्रतिदिन के मन्त्रालय के क्रिया-कलापों की सूचना हैण्ड-आउट    के माध्यम से दी जाती है। यह प्रेस इन्फारमेशन ब्यूरो द्वारा प्रसारित किए जाते हैं।
 (द) गैर-विभागीय हैण्ड आउट- मौखिक रूप से दी  गई सूचनाओं को गैर-विभागीय हैण्ड आउट के माध्यम से प्रसारित किया जाता है।

5. जनसंपर्क
हम जानते हैं कि वही संवाददाता सफल हो पाता है, जो नित्य एक नये आदमी से मिलता है या उससे संपर्क बनाता है। यह सच है कि बहुत से समाचार आम आदमी के माध्यम से ही संवाददाता तक पहुंचते हैं। भले ही आम आदमी संवाददाता को मात्र एक सूत्र पकड़ाते हैं और पूरे समाचार का ताना-बाना स्वयं संवाददाता को ही बुनना पड़ता है, लेकिन आम आदमी का संवाद सूत्र में कार्य कर देना ही समाचार पत्र या समाचार चैनल के प्रचार – प्रसार के लिये काफी होता है। सच्चाई यह भी है कि यदि किसी समाचार पत्र या चैनल के लिये आम आदमी सूत्र की तरह काम करने लगे तो समझ लेना चाहिए कि अमुक समाचार पत्र या चैनल की लोकप्रियता बहुत अधिक बढ रही है।
हम यह कह सकते हैं कि कुशल संवाददाता वही होता है, जिसके पास काफी सूत्र होते हैं। ऐसे संवाददाताओं से समाचार छूट जाने का प्रश्न ही नहीं उठता।

6. RADIO OR TV (रेडियो व टीवी)
समाचार प्राप्ति के लिए टीवी और रेडियो भी एक महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं। घर बैठे आम आदमी इन्हीं माध्यमों के जरिए देश-विदेश की तमाम समाचारों को जान पाता है। ऐसे समाचार पत्र जिनके संवाददाता किस जगह नहीं है तो उन समाचार पत्रों को टीवी चैनल के माध्यम से ही उस जगह की खबर मिलती है। कई बार समाचार चैनल एक दूसरे की खबरों को देखकर चलाते हैं। हम यह कह सकते हैं कि सभी समाचार चैनल एक-दूसरे के पुरक हैं और एक दूसरे के लिए एक अच्छे स्त्रोत भी हैं। यही कारण है कि सभी मीडिया संस्थानों में टीवी चैनल लगे होते हैं।

7. INTERVIEW OR PRESS CONFRENCE(साक्षात्कार और प्रेस वार्ताएं)
साक्षात्कार और प्रेस वार्तायें भी समाचार प्राप्त करने के अच्छे स्त्रोत हैं। इनसे कभी – कभी ऐसे समाचार भी मिल जाते हैं जो समाचार पत्रों व समाचार चैनलों की लीड यानी मुख्य समाचार बन जाते हैं। कई बार किसी राजनीतिक दल या कंपनी द्वारा प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी मीडिया संस्थानों के संवाददाताओं को आमंत्रित किया जाता है। प्रेस कांफ्रेंस का विषय पहले से ही निर्धारित कर दिया जाता है जिसके बाद उसके संबंध में संवाददाताओं को जानकारी दी जाती है। संवाददात उस विषय से संबंधित प्रश्न भी उस दौरान कर सकते हैं।

1 comment:

yaohabibi said...

Betway casino & sports betting app review & bonus codes 2021
Betway Casino 서울특별 출장마사지 India review. Get 공주 출장마사지 the 부산광역 출장마사지 current bonus code, free play 대구광역 출장샵 & promo codes, and get the best Betway 고양 출장안마 welcome bonus for Indian players.