साधारण रूप से कम्प्यूटर के वे सभी प्रभाग जिन्हें देखा तथा छुआ जा सकता है, कम्प्यूटर हार्डवेयर कहलाते हैं। इनमें मुख्य रूप से कम्प्यूटर के यांत्रिक, वैद्युत तथा इलैक्ट्रोनिक प्रभाग आते हैं। कम्प्यूटर के अन्दर तथा बाहर के सभी प्रभाग, कम्प्यूटर की इनपुट तथा आउटपुट युक्तियां आदि सभी कम्प्यूटर हार्डवेयर ही हैं। कम्प्यूटर की वे युक्तियां, जो कि कम्प्यूटर को चलाए जाने के लिए आवश्यक होती हैं, स्टेण्डर्ड युक्तियां कहलाती हैं. जैसे- की-बोर्ड, फ्लॉपी ड्राइव, हार्डडिस्क आदि। इन युक्तियों के अतिरिक्त वे युक्तियां, जिनको कम्प्यूटर से जोड़ा जाता है, पेरीफेरल युक्तियां कहलाती है। स्टैण्डर्ड तथा पेरीफेरल युक्तियों को मिलाकर ही कम्प्यूटर हार्डवेयर तैयार होता है।
इनपुट और आउटपुट उपकरण कम्प्यूटर और मानव के मध्य सम्पर्क की सुविधा प्रदान करते हैं। इनपुट डिवाइसेज मानवीय भाषा में दिये गये डाटा और प्रोग्रामों को कम्प्यूटर के समझने योग्य रूप में परिवर्तित करती हैं। दूसरी ओर आउटपुट डिवाइसेज 0 और 1 बिट के संकेतों को अनुवादित कर मानव के समझने योग्य भाषा में परिवर्तित कर प्रस्तुत करते हैं। ये डिवाइसेज को स्क्रीन पर या पिंटर द्वारा कागज पर छापकर प्रस्तुत करते हैं। इनपुट या आउटपुट डिवाइसेज प्रायः कम्प्यूटर के सीधे नियंत्रण में रहते हैं। ऑपरेटर इंटरफेस कम्प्यूटर से ऑपरेटर का (कार्य़ करते समय) सम्पर्क इंटरफेस कहलाता है।
ऑपरेटर इंटरफेस: कम्प्यूटर से ऑपरेटर का (कार्य़ करते समय) सम्पर्क इंटरफेस कहलाता है। ये उचित इनपुट हार्डवेयर और डिस्प्ले सॉफ्टवेयर उपलब्ध हो तो ऑपरेटर जो कि डिस्प्ले डिवाइस के सम्पर्क में है अपने कार्य को प्रभावशाली रूप से कर सकता है। हार्डवेयर इंटरफेस ऑपरेटर कम्प्यूटर के मानीटर और इनपुट डिवाइस का एक साथ उपयोग करता है। इनपुट डिवाइस के रूप में प्रायः की बोर्ड या माउस का प्रयोग किये जाते हैं। जब भी की बोर्ड से किसी अक्षर या कैरेक्टर की कुंजी दबाई जाती है तो यह करेक्टर डिस्प्ले स्क्रीन पर कर्सर की स्थिति में दिखाई देता है। कर्सर स्क्रीन पर टिमटिमाता एक चिन्ह होता है जो यह बताता है कि ऑपरेटर द्वारा इनपुट कैरेक्टर कहाँ दिखाई देगा माउस स्क्रीन पर उपस्थित कर्सर या पॉइटंर को इधर-उधर ले जाने का कार्य करता है।
इनपुट और आउटपुट उपकरण कम्प्यूटर और मानव के मध्य सम्पर्क की सुविधा प्रदान करते हैं। इनपुट डिवाइसेज मानवीय भाषा में दिये गये डाटा और प्रोग्रामों को कम्प्यूटर के समझने योग्य रूप में परिवर्तित करती हैं। दूसरी ओर आउटपुट डिवाइसेज 0 और 1 बिट के संकेतों को अनुवादित कर मानव के समझने योग्य भाषा में परिवर्तित कर प्रस्तुत करते हैं। ये डिवाइसेज को स्क्रीन पर या पिंटर द्वारा कागज पर छापकर प्रस्तुत करते हैं। इनपुट या आउटपुट डिवाइसेज प्रायः कम्प्यूटर के सीधे नियंत्रण में रहते हैं। ऑपरेटर इंटरफेस कम्प्यूटर से ऑपरेटर का (कार्य़ करते समय) सम्पर्क इंटरफेस कहलाता है।
ऑपरेटर इंटरफेस: कम्प्यूटर से ऑपरेटर का (कार्य़ करते समय) सम्पर्क इंटरफेस कहलाता है। ये उचित इनपुट हार्डवेयर और डिस्प्ले सॉफ्टवेयर उपलब्ध हो तो ऑपरेटर जो कि डिस्प्ले डिवाइस के सम्पर्क में है अपने कार्य को प्रभावशाली रूप से कर सकता है। हार्डवेयर इंटरफेस ऑपरेटर कम्प्यूटर के मानीटर और इनपुट डिवाइस का एक साथ उपयोग करता है। इनपुट डिवाइस के रूप में प्रायः की बोर्ड या माउस का प्रयोग किये जाते हैं। जब भी की बोर्ड से किसी अक्षर या कैरेक्टर की कुंजी दबाई जाती है तो यह करेक्टर डिस्प्ले स्क्रीन पर कर्सर की स्थिति में दिखाई देता है। कर्सर स्क्रीन पर टिमटिमाता एक चिन्ह होता है जो यह बताता है कि ऑपरेटर द्वारा इनपुट कैरेक्टर कहाँ दिखाई देगा माउस स्क्रीन पर उपस्थित कर्सर या पॉइटंर को इधर-उधर ले जाने का कार्य करता है।
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