जनसत्ता
जनसत्ता हिन्दी का प्रमुख दैनिक
समाचार पत्र है।
जनसत्ता इंडियन एक्सप्रेस समूह का
हिन्दी अख़बार है। इसकी स्थापना इंडियन एक्सप्रेस, दिल्ली के संपादक प्रभाष जोशी ने की थी। १९८३ में शुरू हुए इस अखबार ने
रातों रात सबको पीछे छोड़ दिया और इसके कई संस्करण निकले। उसके सम्पादक ओम थानवी
हैं। जनसत्ता कोलकत्ता, चंडीगढ़ और रायपुर से भी निकलता है।
हिन्दी पत्रकारिता को नया आयाम देने
वालों में दिल्ली से प्रकाशित दैनिक 'जनसत्ता'
का नाम अग्रणी है। खोजपूर्ण पत्रकारिता को नए तेवर देने का श्रेय
यदि किसी पत्र को दिया जा सकता है तो वह है-`जनसत्ता'। अपनी विशेष शैली, आम भाषा, तेज-तर्रार
सम्पादकीय लेखों तथा समाचारों के प्रस्तुतीकरण ने इसे न केवल दिल्ली का बल्कि पूरे
देश का लोकप्रिय पत्र बना दिया और उसे ही कुछ वर्षों में श्रेष्ठ हिन्दी दैनिक
पत्रों में ला खड़ा किया।
खोज खबर,
गपशप, किताबें, अर्थात्,
इस पत्र के सर्वाधिक लोकप्रिय स्तम्भ हैं। इसका रविवारीय संस्करण `रविवारीय जनसत्ता' विविध सामियक सामग्री से परिपूर्ण
है। सामयिक लेख, कविता, कहानी, नन्ही दुनियां, जोगलिखी, देखी-सुनी,
महिला जगत्, आदि इसके नियमित स्तम्भ हैं।
प्रकाशन स्थल
जनसत्ता मुख्यालय दिल्ली से
प्रकाशित होता है। प्रभाष जोशी के बाद इसके संपादक बने राहुल देव। राहुल देव के
बाद अच्युतानंद मिश्र ने इसके संपादक का कार्यभार संभाला। लेकिन उन्हें ठीक से काम
नहीं करने दिया गया। इसके पीछे प्रभाष जोशी की शह पर रामबहादुर राय समेत कई
पत्रकारों ने अच्युताजी की राह में रोड़े अटकाए। हालांकि बाद में संपादक बने ओम
थानवी ने प्रभाष जोशी के नजदीकी लोगों को ही निबटा दिया।
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