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Wednesday 17 December 2014

कॉपीराइट या प्रतिलिप्याधिकार(बौद्धिक संपदा अधिकार)

कॉपीराइट या प्रतिलिप्याधिकार(बौद्धिक संपदा अधिकार)
किसी लेखक , चित्रकार अथवा अन्य किसी प्रकार की बौद्धिक रचना तैयार करने वाले बुद्धिजीवी या कलाकार का अपनी रचना पर अधिकार है । कॉपीराइट किसी व्यक्ति की रचना को अनाधिकृत रुप से प्रकाशित किए जाने या अन्य किसी रुप में प्रस्तुत किए जाने पर रोक लगाता है ।
कॉपीराइट की श्रेणियां
1- कॉपीराइट का अधिकार- साहित्यिक और कलात्मक कार्य के लेखक को दिया गया अधिकार औऱ फोनोग्राम तथा प्रसारण संगठन के परफर्मॉर, प्रोड्यूसर का अधिकार।
2-औद्योगिक संपदा अधिकार-विशिष्ट चिन्ह(जैसे ट्रेडमार्क),नई पहल, डिजाइन तथा प्रौद्योगिकी उत्प्रेरित करने के लिए संरक्षित औद्योगिक संपदा ।
निम्न प्रकार की कृतियों पर कॉपीराइट
1-मौलिक साहित्यिक , रंगमंचीय अथवा कलात्मक कृति पर कॉपीराइट
2-फिल्म पर कॉपीराइट
3-कंप्यूटर प्रोग्राम पर कॉपीराइट
4-गीत-संगीत तथा अन्य रिकार्ड पर कॉपीराइट
कॉपीराइट अधिनियम , 1957 के मुताबिक कॉपीराइट
1-कृति के रचनाकार का कविता, फोटोग्राफ, पेंटिंग आदि पर कॉपीराइट होगा।
2-अगर किसी पत्र-पत्रिका में रोजगार के दौरान कृति रची गयी है तो पत्र-पत्रिका के प्रकाशक को अपनी किसी पत्र-पत्रिका में रचना प्रकाशित करवाने का अधिकार है । शेष सभी अधिकार लेखक के होंगे ।
3-अगर कोई फोटोग्राफ /पेंटिंग/नक्काशी/ किसी व्यक्ति के भुगतान पर बनाई गयी हो तो भुगतान करने वाले को कॉपीराइट प्राप्त होगा।
4-सरकार के अंतर्गत किए गये किसी रचनात्मक कार्य का कॉपीराइट सरकार का होगा । अगर कृति किसी सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थान ने बनाई या प्रकाशित की हो या किसी सरकारी प्रतिष्ठान के निर्देश पर तैयार की गयी है, तो कॉपीराइट उस संस्थान का माना जायेगा।
कॉपीराइट का पंजीकरण
1-आपकी कृति वैसे तो अपने आप आपकी हो जाती है । पंजीकरण की जरुरत नहीं होती है ,
2-लेकिन पंजीकरण करा लेना चाहिए, क्योंकि  करने से कृति का वास्तविक स्वरुप निर्धारण कराने में मदद मिलती है।
3-पंजीकरण के लिए आपको निर्धारित फॉर्म में निर्धारित शुल्क के साथ अपना आवेदन कॉपीराइट पंजीयक को भेजना होगा
4-समुचित जांच के बाद , आपकी कृति कॉपीराइट पंजिका  में दर्ज कर ली जायेगी ।
5- कोई भी व्यक्ति निर्धारित शुल्क का भुगतान करके पंजिका के विवरणों की फोटो कॉपी ले सकता है ।
6-अगर किसी कृति का ट्रेडमार्क के रुप में इस्तेमाल किया गया है या इसका ट्रेडमार्क की तरह इस्तेमाल हो सकता है, तो कॉपीराइट के पंजीकरण के आवेदन के साथ ट्रेडमार्क पंजीयक से इस आशय का प्रमाणपत्र भी संलग्न करना होगा ।जिसमें यह उल्लेख होगा कि आवेदन के अलावा अन्य किसी व्यक्ति ने ऐसी ही अथवा इससे मिलती जुलती किसी कृति का पहले ही अपने नाम से ट्रेडमार्क पंजीकृत नहीं कराया है ।
7-आप किसी कृति का अपना कॉपीराइट छोड़ भी सकते हैं । इसके लिए आपको निर्धारित फॉर्म में कॉपीराइट पंजीयक को आवेदन करना होगा ।
कॉपीराइट की अवधि
1-साहित्यिक , रंगमंचीय , संगीतिक और कलात्मक कृति के लिए (फोटोग्राफ के अलावा) कृति के रचनाकार के जीवनकाल में और उसकी मृत्यु के 60 साल बाद तक कॉपीराइट।
2-संयुक्त रचनाकार होने पर , रचनाकारों के जीवनकाल में और उनमें से बाद में मरने वाले की मृत्यु के 60 साल बाद तक कॉपीराइट।
3-अज्ञात रचनाकार ( रचनाकार ने अपना नाम ना प्रकट किया हो) होने की स्थिति में-रचना के प्रकाशन से साठ साल बाद तक कॉपीराइट रहेगा।
4-फोटोग्राफ/सिनेमेटोग्राफ  फिल्म/ ऑडियो रिकॉर्ड/ सरकारी या सार्वजनिक प्रतिष्ठान के कार्य के लिए -ऐसे कार्य या कृति  के पहली बार प्रकाशन, प्रदर्शन या रिकॉर्डिंग के पचास साल बाद तक कॉपीराइट रहेगा ।
कॉपीराइट का हस्तांतरण
1-कॉपीराइट का मालिक कॉपीराइट के अधिकार को पूरी तरह या आंशिक रुप से किसी अन्य व्यक्ति को सौंप सकता है ।
2-किसी भावी कृति का भी कॉपीराइट किसी को दिया जा सकता है । यह लाइसेंस लिखित या हस्तांतरित होना चाहिए।
रेडियो-टेलीविजन प्रसारण संबंधी अधिकार
1-किसी प्रसारण संस्थान के पास अपने यहां से प्रसारित कार्यक्रम के प्रथम प्रसारण से 24 साल तक उसका स्वामित्व रहता है,
2-लेकिन प्रसारण संस्थान के इस अधिकार का प्रसारित कृति के रचनाकार के कॉपीराइट पर कोई असर नहीं पड़ता है।
कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं
1-निजी इस्तेमाल के लिए प्रतियां बनना/ इसमें किसी कंप्यूटर प्रोग्राम की बैकअप कॉपी बनाना भी शामिल है ।
2-किसी पत्र -पत्रिका / फिल्म /फोटो / प्रसारण के जरिए ताजा घटनाक्रम की खबर देने के लिए किसी रचनात्मक कृति की आलोचना अथवा समीक्षा करना कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं है ।
3-न्यायिक अथवा संसदीय कार्यवाही की रिपोर्टिंग करना । मौलिक साहित्य/फिल्म /प्रसारण / फोटोग्राफ / के छोटे अंश का विज्ञापन के रुप में प्रकाशन करना।
4-कृति के छोटे-छोटे उदाहरणों का सार्वजनिक पाठ करना ।
5-कानूनी अधिकारियों के द्वारा मांगे  जाने पर कृति की प्रमाणित प्रतियां प्रस्तुत करना ।
6-किसी को पढ़ाने, समझाने या परीक्षा के दौरान कृति के किसी अंश का इस्तेमाल करना ।
7-किसी शैक्षणिक संस्था की गतिविधियों के अंतर्गत साहित्यिक , रंगमंचीय अथवा संगीतिक कार्यक्रम में कृति अथवा उसके अंशों की प्रस्तुति ।
8-किसी क्लब अथवा धार्मिक संस्था में कृति अथवा उसके अंशों की प्रस्तुति ।
9-स्थापत्य या भवन निर्माण से जुड़ी कलात्मक कृति की पेंटिंग, ड्राइंग या फोटोग्राफ बनाना अथवा प्रकाशित करना ।
कॉपीराइट उल्लंघन पर मुआवजा 
1-कॉपीराइट का उल्लंघन होने पर मुआवजा मांग सकते हैं ।
2-कृति को तोड़-मरोड़कर पेश किए जाने , उसमें काट-छांट किए जाने अथवा उसका स्वरुप बदले जाने पर मुआवजे का दावा कर सकते हैं ।
3-किसी भी ऐसे कार्य के विरोध में आप मुआवजा मांग सकते हैं , जिससे आपका सम्मान या प्रतिष्ठा कम होती हो,
4-लेकिन कंप्यूटर प्रोग्राम बनाने पर कृति के स्वरुप में उचित बदलाव किए जा सकते हैं 
5-कॉपीराइट के उल्लंघन पर मुआवजे का सिविल मुकदमा जिला न्यायालय में किया जा सकता है ।
6-अगर कोई व्यक्ति जान-बूझकर किसी कॉपीराइट या प्रसारण अधिकारों का उल्लंघन करता है या ऐसे उल्लंघन में मदद करता है तो उसे जेल की सजा और जुर्माना हो सकता है ,
7-साथ ही जिसके कॉपीराइट का उल्लंघन हुआ हो, उसे मुआवजा देना पड़ सकता है ।
8-जिस कृति के कॉपीराइट का उल्लंघन हुआ है , उसकी प्रतियां अपने पास रखना भी संज्ञेय अपराध है ।

इस अधिनियम के मुख्‍य प्रावधान निम्‍नानुसार है :-
  • इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए 'कॉपीराइट कार्यालय' नामक कार्यलय स्‍थापित किया जाएगा। यह कॉपीराइट कार्यालय कॉपीराइट पंजीयक के प्रत्यक्ष नियंत्रण में होगा जो केन्‍द्र सरकार की देख रेख और निदेशन में काम करेगा। साथ ही, केन्‍द्र सरकार एक 'कॉपीराइट बोर्ड' का गठन करेगी।


  • कॉपीराइट कार्यालय में निर्धारित प्रपत्र में 'कॉपीराइट रजिस्‍टर' नामक रजिस्‍टर रखा जाएगा जिसमें रचनाओं के नाम या शीर्षक और कॉपीराइट के लेखकों, प्रकाशकों एवं स्‍वामियों के नाम एवं पते और अन्‍य ऐसे ब्‍यौरे हों जो निर्धारित किए जाएं।


  • किसी रचना का लेखक या प्रकाशक, अथवा स्‍वामी या कोई अन्‍य व्‍यक्ति जो उसके कॉपीराइट का इच्‍छुक हो कॉपीराइट रजिस्‍टर में उस रचना का ब्‍यौरा शामिल करने के लिए कॉपीराइट पंजीयक को निर्धारित प्रपत्र मे आवेदन के साथ निर्धारित शुल्‍क‍ अदा करके ऐसा कर सकता है।


  • इस अधिनियम के तहत कॉपीराइट का रजिस्‍टर तथा उसकी अनुक्रमणिका सभी संभव समय पर निरीक्षण के लिए उपलब्‍ध होंगे और कोई भी व्‍यक्ति शुल्‍क अदा करके और निर्धारित शर्तों के अध्‍यधीन ऐसे रजिस्‍टर या अनुक्रमणिका से प्रतियां बनाने या उसके अंश उद्द्यृत करने का पात्र होगा।


  • कॉपीराइट का रजिस्‍टर उसने दर्ज किए गए ब्‍यौरे और उन दस्‍तावेजों, जो उसमें की गई प्रविष्टियों की प्रतियां कही जाएं या उनमें से उद्द्यृत अंश, जो कॉपीराइट पंजीयक द्वारा अधिप्रमाणित एवं कॉपीराइट कार्यालय की मुहर से मुहरबंद हो, का प्रथम दृष्‍ट्या साक्ष्‍य होगा, और यह अन्‍य किसी प्रमाण या मूल प्रति की प्रस्‍तुति के बिना सभी न्‍यायालयों में साक्ष्‍य के रूप में अनुमेय होगा।


  • कॉपीराइट लेखक के जीवनकाल में प्रकाशित किसी साहित्यिक, नाट्य, संगीत या कलात्‍मक रचना (फोटोग्राफ को छोड़कर) के संबंध में लेखक की मृत्‍यु के वर्ष से अगले कैलेण्‍डर वर्ष से शुरू होकर, साठ वर्ष तक जारी रहेगा। साथ ही, किसी ऐसी साहित्यिक, नाट्य, संगीत या कलात्‍मक रचना (फोटोग्राफ को छोड़कर) जो बिना नाम के प्रकाशित हुई हो, के संबंध में कॉपीराइट रचना के पहली बार प्रकाशित होने के वर्ष से अगले कैलेण्‍डर वर्ष से शुरू होकर साठ साल तक बना रहेगा।


  • किसी मौजूदा रचना के कॉपीराइट प्राप्‍त व्‍यक्ति अथवा किसी भावी रचना के कॉपीराइट का संभावित स्‍वामी किसी अन्‍य व्‍‍यक्ति को कॉपीराइट पूरी तरह या आंशिक रूप से और या तो सामान्‍यतया या शर्तों के अध्‍यधीन और कॉपीराइट की पूरी अवधि या उसके एक भाग के लिए समनुदेशित कर सकता है। तथापि, किसी भावी रचना के कॉपीराइट के समनुदेशन में, यह समनुदेशन तभी प्रभावी होगा जब रचना अस्तित्‍व में आ जाएगी।


  • यदि किसी भारतीय रचना जो प्रकाशित हो गई हो या सार्वजनिक हो गई हो, में कॉपीराइट की अवधि के दौरान कभी भी कॉपीराइट बोर्ड से यह शिकायत की जाती है कि रचना के कॉपीराइट प्राप्‍त व्‍यक्ति ने :- (i) रचना को पुन: प्र‍काशित करने या पुन: प्रकाशित करने की अनुमति देने से इन्‍कार कर दिया है अथवा रचना को सार्वजनिक करने की अनुमति देने से इन्‍कार किया है और ऐसे इन्‍कार के कारण रचना जनता के समक्ष नहीं आ पा रहीं हैं; अथवा (ii) जनता को समक्ष ऐसी रचना के प्रसारण की अनुमति देने से इन्‍कार किया है अथवा ध्‍वनि रिकार्डिंग के मामले में, रचना की ऐसी शर्तों ध्‍वनि रिकार्डिंग की गई है जो शिकायतकर्ता उचित नहीं समझता।

इसके बाद, कॉपीराइट बोर्ड, रचना के कॉपीराइट के स्‍वामी को सुनवाई का पर्याप्‍त अवसर देने और ऐसी जांच करने के बाद, जैसा भी आवश्‍यक हो, यदि वह इस बात से सन्‍तुष्‍ट है कि ऐसे इन्‍कार के आधार उचित नहीं है, कॉपीराइट पंजीयक को निदेश दे सकता है कि वह शिकायतकर्ता को रचना पुन: प्रकाशित करने, जनता के समक्ष रचना को लाने या जनता में रचना का प्रसारण करने, जैसा भी मामला हो, का लाइसेंस प्रदान करे, बशर्ते कॉपीराइट के स्‍वामी को ऐसी क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जाए और ऐसे निबंधन एवं शर्तों का पालन किया जाए जो कॉपीराइट बोर्ड निर्धारित करे, और ऐसा हो जाने पर कॉपीराइट पंजीयक यथा निर्धारित ऐसे शुल्‍क की अदायगी होने पर, कॉपीराइट बोर्ड के निर्देशानुसार शिकायतकर्ता को लाइसेंस प्रदान करेगा।
  • केन्‍द्र सरकार सरकारी राजपत्र में आदेश प्रकाशित करके निदेश दे सकती है कि इस अधिनिम के समस्‍त या कुछेक प्रावधान निम्‍नलिखित पर लागू होंगे :-
    • ऐसी रचना पर जो पहली बार भारत से बाहर किसी राज्‍य क्षेत्र में प्रकाशित हुई हो जिस पर आदेश इस प्रकार लागू होगा जैसे वह पहली बार भारत में प्रकाशित हुई हो;


    • अप्रकाशित रचनाओं या ऐसी ही अन्‍य श्रेणी की रचनाओं पर, जिनके रचनाकार रचना करते समय किसी दूसरे देश के नागरिक थे, इस प्रकार लागू होगा जैसे वे रचनाकार भारत के नागरिक हों;


    • भारत से बाहर किसी राज्‍य क्षेत्र में अधिवास के संबंध में, जिस पर आदेश इस प्रकार लागू होगा जैसे वह भारत में अधिवास हो;


    • किसी ऐसी रचना पर जिसका लेखक उसके पहली बार प्रकाशन की तारीख को या ऐसे मामले में जहां उस तारीख तक लेखक का देहान्‍त हो चुका था, अपनी मृत्यु की तारीख को किसी दूसरे देश का नागरिक रहा हो जिस पर आदेश इस रूप में लागू होगा कि जैसे कि लेखक उस तारीख या समय को भारत का नागरिक रहा हो।
  • किसी रचना के कॉपीराइट का उल्‍लंघन निम्‍न तरीके से हुआ माना जाएगा :-

    • यदि कोई व्‍यक्ति कॉपीराइट प्राप्‍त व्‍यक्ति या कॉपीराइट पंजीयक द्वारा इस अधिनियम के तहत लाइसेंस प्रदान किए बिना अथवा प्रदान किए लाइसेंस की शर्तों का उल्‍लंघन करके अथवा इस अधिनियम के तहत सक्षम प्राधिकारी द्वारा आरोपित शर्तों का उल्‍लंघन करके :- (i) कुछ ऐसा करता है जो इस अधिनियम द्वारा केवल कॉपीराइट प्राप्‍त व्‍यक्ति को ही करने का विशिष्‍ट अधिकार प्राप्‍त हो; अथवा (ii) जनता के समक्ष कोई ऐसी रचना लाने के‍ लिए इस्‍तेमाल किए जाने वाले स्‍थान को लाभ हेतु प्रयोग की अनुमति देता है, जहां रचना को सामने लाना उसके कॉपीराइट का उल्‍लंघन है, सिवाय त‍ब यदि उसे यह ज्ञात न हो और ऐसा विश्‍वास करने का आधार भी न था कि जनता के समाने ऐसी रचना लाने से कॉपीराइट का उल्‍लंघन होगा; अथवा


    • यदि कोई व्‍यक्ति :- (i) किराए पर देकर बिक्री करता है, या बेचता है या किराए पर देता है, या व्‍यापार के जरिए प्रदर्शित करता है या किराए पर बेचने की पेशकश करता है; अथवा (ii) व्‍यापार के प्रयोजनार्थ या तो वितरण करता है या इस हद तक कार्रवाई करता है कि कॉपीराइट प्राप्‍त व्‍यक्ति पर प्रतिकूल असर पड़ता हो; या (iii) व्‍यापार के रूप में जनता में प्रदर्शित करता है; या (iv) रचना की उल्‍लंघनकारी प्रतियों का भारत में आयात करता है।
  • प्रत्‍येक प्रसारण संगठन को इसके प्रसारणों के संबंध में ‘’प्रसारण निर्माण अधिकार’’ नामक एक विशेष अधिकार होगा। प्रसारण निर्माण अधिकार प्रसारण किए जाने के वर्ष से अगले कैलेण्‍डर वर्ष की शुरूआत से पच्‍चीस वर्ष तक बना रहेगा।
  • जब कोई कलाकार किसी प्रदर्शन में शामिल होता है या संबद्ध होता है तो उसे ऐसे प्रदर्शन के संबंध में ‘’कलाकार का अधिकार’’ नामक एक विशेष अधिकार प्राप्‍त होगा। कलाकार का अधिकार प्रदर्शन से पच्‍चीस वर्ष तक बना रहेगा।
  • प्रसारण निर्माण अधिकार या कलाकार का अधिकार का निम्‍नलिखित द्वारा उल्‍लंघन नहीं माना जाएगा :-

    • ध्‍वनि रिकॉर्डिंग या दृश्‍य रिकॉर्डिंग करने वाले व्‍यक्ति के निजी प्रयोग के लिए अथवा वास्‍तविक शिक्षण या अनुसंधान के प्रयोजनों के लिए ध्‍वनि रिकॉर्डिंग या दृश्‍य रिकॉर्डिंग करना; अथवा
    • किसी प्रदर्शन या सामयिक घटनाओं की रिपोर्टिंग में प्रसारण के अंशों को अथवा वास्‍तविक समीक्षा, शिक्षण या अनुसंधान के लिए उचित रूप से प्रयोग में लाना; अथवा
    • कोई अन्‍य कार्य, आवश्‍यक रूपान्‍तरों एवं परिवर्तनों के साथ जो अधिनियम के तहत कॉपीराइट के उल्‍लंघन नहीं माने जाते।
  • जब इस अधिनियम के तहत किसी कम्‍पनी द्वारा कोई अपराध किया जाए तो ऐसा प्रत्‍येक व्‍यक्ति जो अपराध होने के समय कम्‍पनी के कारोबार के संचालन के लिए कम्‍पनी का प्रभारी था और कम्‍पनी के लिए जिम्‍मेदार था और कम्‍पनी स्‍वयं भी ऐसे अपराध की दोषी मानी जाएगी और उसके विरूद्ध तदनुसार कार्यवाही की जाएगी तथा वह दण्‍ड की भागी होगी।

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