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Monday 30 June 2014

पत्रकारिता का क्षेत्र

पत्रकारिता का क्षेत्र
आज हमारे जीवन में विविधता आ गयी है साथ ही संचार साधनों की भी बहुलता हो गयी है। इसने पत्रकारिता को भी बहुआयामी बना दिया है। जीवन जगत के हर क्षेत्र में आज पत्रकारिता की घुसपैठ है। उसका विस्तार हर ओर है।
आर्थिक पत्रकारिता – आर्थिक जगत से जुड़ी खबरें इसके तहत आती हैं। भारत में पत्रकारिता की शुरुआत व्यापारिक सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए ही हुई थी। 29 जनवरी 1780 को कलकत्ता से प्रकाशित होने वाले भारत के पहले अखबार हिक्की गजट ने अपने पत्र के उद्देष्य के विषय में लिखा था- राजनीतिक और व्यापारिक साप्ताहिक, सभी पार्टियों के लिए खुला है लेकिन किसी से प्रभावित नहीं है। इससे स्पष्ट है कि अखबार का उद्देश्य व्यापारिक गतिविधियों की सूचना देना भी था।
आज आर्थिक मुद्दे लोगों के जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। पाठक और दर्शक भी आर्थिक गतिविधियों संबंधित खबरों में अत्यंत रूचि लेते है। इसलिए न सिर्फ अंग्रेजी बल्कि हिंदी में भी आर्थिक परिशिष्टों का प्रकाशन हो रहा है। देश के विभिन्न भागों से आज इकोनाॅमिक टाईम्स, बिजिनेस इंडिया, बिजनेस टूडे, दलाल, आदि जैसे आर्थिक दैनिक, साप्ताहिक अथवा मासिक का प्रकाशन होता हैं। खासकर व्यापार जगत की खबरों के लिए टाइम्स नाउ , जी बिजनेस आदि समाचार चैनल हैं। इसके अलावा नियमित खबरों में चाहे वे प्रिंट मीडिया हो या इलेक्ट्रानिक सबमें आर्थिक जगत से जुड़ी खबरों के लिए विशेष स्थान होता है।
अपराध पत्रकारिता- अपराध जगत से जुड़ी खबरों के बारे में लिखना अपराध पत्रकारिता के तहत आता है। जो पत्रकार पुलिस बीट, आपराधिक मामलों को देखता है क्राइम रिपोर्टर कहलाता है। हत्या, चोरी -डकैती, लूटपाट की घटनाओं की खबर अपराध पत्रकारिता के तहत आती है।
संसदीय पत्रकारिता- संसद के दोनों सदनों, प्रादेशिक विधान सभाओं, परिषदों की कार्यवाही की खबर इसके तहत आते हैं। संसदीय पत्रकारिता करते हुए काफी सावधानी बरती जाती है, ताकि अवमानना का कोई प्रश्न न उठे। अधिकतर अनुभवी पत्रकारों को ही यह जिम्मेदारी दी जाती है। संसद की पत्रकार दीर्घा में देश के प्रतिष्ठित पत्रकार मौजूद रहते हैं।
महिला पत्रकारिता – महिलाओं से संबंधित सूचना, शिक्षा, एवं मनोरंजन या उनके हित से जुड़ी कोई खबर महिला पत्रकारिता है। आज नारी जगत से संबंधित पत्र पत्रिकाएं हैं। अखबारों मे भी उनके लिए अलग से परिषिष्ट दिए जाते हैं। लेकिन अक्सर यह समय काटने या मनोरंजन का साधन ही बनकर रह जाता है। क्योंकि इनमें श्रृंगार, फैशन, घर सजाने, पतियों को खुश रखने की कला आदि पर ही जोर रहता है। लेकिन इन सबके अलावा विज्ञान, खेल, राजनीति, साहित्य आदि में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और उनसे संबंधित कुप्रथाओं, उनके उत्पीड़न, शोषण आदि की खबर रखना ही सही मायने में महिला पत्रकारिता है।
बाल पत्रकारिता – बच्चों से जुड़ी गतिविधिओं की पत्रकारिता बाल पत्रकारिता है। उनकी जिज्ञासाओं की शांति के लिए रंग बिरंगे मनोरंजक रूप में, उन्हीं की भाषा में पत्र पत्रिकाएं होनी चाहिए। बच्चों के लिए हमेशा से पत्रिकाएं निकलती रहीं हैं। बालक, सुमन सौरभ चंपक, नन्दन, चन्दामामा, पराग, बालभारती आदि कई पत्रिकाएं विभिन्न आयुवर्ग के बच्चों की रूचि को ध्यान में रखते हुए निकाली जाती रहीं हैं। लगभग सभी पत्र पत्रिकाओं में इनके लिए साप्ताहिक /मासिक परिशिष्ट निकाले जाते हैं।
स्वास्थ्य पत्रकारिता -जन स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे लोगों के लिए अहम होते हैं। स्वास्थ्य पत्रकारिता केवल मेडिकल की ही नहीं बल्कि मेडिको सोशल पत्रकारिता भी कही जाती है। यहो सिर्फ समाचार ही नहीं बल्कि विचार और पुनर्विचार का भी काफी महत्व होता है। स्वास्थ्य पत्रकारिता के लिए तकनीकी और सही जानकारी बहुत जरूरी है। चिकित्सा क्षेत्र की कोई भी अधूरी या गलत जानकारी जानलेवा या भयावह साबित हो सकती है।
खेल पत्रकारिता -खेल जगत में लोगो की रूचि रहती है। इसके अद्यतन जानकारी के लिए लोग मीडिया पर नजर गड़ाए रहते हैं। राष्ट्रीय- अन्तर्राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर के खेल और खिलाड़ियों की खबर देने के साथ साथ इस क्षेत्र में चल रहे पहल, परिवर्तन, वाद विवाद की खबर देना भी खेल पत्रकारों का काम है। यही नहीं खेल से जुड़े संगठनों आदि की खबर पर भी खेल पत्रकारों की नजर होती है। अधिकांश पत्र पत्रिकाओं में खेल के लिए अलग स्थान सुनिश्चित होता है।
विज्ञान पत्रकारिता – विज्ञान मानव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को प्रभावित करता है। इसलिए विज्ञान पत्रकारिता का क्षेत्र व्यापक हुआ है। लोगों के विकास से जुटकर यह पत्रकारिता मानव जीवन को उन्नत बनाने को प्रयासरत है। थल, जल और वायु और इसमे होने वाली नित नई खोजों, हलचलों की खबरें देना विज्ञान पत्रकारिता के तहत आता है।
कला, संस्कृति और साहित्यिक पत्रकारिता – कला संस्कृति और सहित्य जगत से जुड़ी खबरे इसके तहत आती हैं। साहित्य और पत्रकारिता का सबंध पुराना है। सभी मीडिया इनके लिए स्थान सुनिश्चित रखती है। मनोरंजन जगत के लिए ढेर सारी पत्र पत्रिकाएं निकलती हैं।
ग्राम्य पत्रकारिता – हमारा देश गांवों का देश कहा जाता है। गांव की और गांव के लिए खबर हमारे पूरे देश के लिए मायने रखता है। उनकी जरूरतों और विकास से जुड़े मुद्दे सबके लिए महत्वपूर्ण हैं। गांवो से जुड़ी खबरों की जरूरत के बावजूद आज के बाजारवाद में ग्राम्य पत्रकारिता का स्थान मीडिया में धीरे धीरे कम गया है।
राजनीतिक पत्रकारिता – हमारा देश लोकतंत्र है और इसका चौथा खंभा कहा जाता है पत्रकारिता। राजनीति से जुड़ी खबरें आम लोगों के लिए भी काफी मायने रखती हैं। आज मीडिया की घुसपैठ हर राजनीतिक दल में है। हर मीडिया हाउस में न सिर्फ राजनीति एक अलग बीट होता है, बल्कि बड़े प्रकाशनों में तो महत्वपूर्ण दलों के अलग अलग बीट होते हैं। इनसे जुड़ी खबरें देना और उससे जुड़ी बातों का विश्लेषण करना भी पालिटिकल रिपोर्टर का काम होता है।

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