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Monday, 22 December 2014

संवाददाता के गुण



संवाददाता के गुण
१. मूलभूत या बुनियादी जानकारी
संवाददाता में इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, वाणिज्य, विज्ञान, सैटेलाइट, इलेक्ट्रानिक्स आदि सभी विधाओं की मूलभूत या बुनियादी जानकारी आवश्यक है, ताकि संवाद इकट्ठा करते समय उसे कोई कठिनाई न हो और वह अपनी रिपोर्टिंग उचित तथा यथार्थ रूप में कर सके।
२. भाषाविद्
संवाददाता को अपनी मातृभाषा का ही नहीं, बल्कि राजभाषा, राष्ट्रभाषा, स्थानीय भाषा और देश विदेश की कम से कम एक-दो भाषाओं का ज्ञान होना आवश्यक है, क्योंकि संवाददाता को कई भाषाओं का समन्वय उसे समाचार संकलन कर समाचार का रूप देना होता है और भाषा के अज्ञान के कारण आने वाली रुकावट को दूर करता है।
संवाददाता को विविध और विभन्न भाषाओं का ज्ञान होने पर वह किसी भी स्थान पर किसी भी समय, किसी भी व्यक्ति से अपने विचारों का आदान प्रदान व साक्षात्कार आदि कर सकता है और घटना, समस्या, समाचार की गहरायी तक जा सकता है।
३. अच्छा साक्षात्कारकर्ता
साक्षात्कार लेने में निपुणता संवाददाता का महत्वपूर्ण गुण है। इस गुण के कारण संवाददाता को किसी घटना व विषय विशेष के बारे में वैयक्तिक साक्षात्कार, समूह साक्षात्कार, विशेष साक्षात्कार के माध्यम से आवश्यक, पूर्ण, ठोस व पुख्ता जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलती है।
४. टंकण, आशुलेखन, मुद्रलेखन, कम्प्यूटर का ज्ञान
संवाददाता को टंकण, आशुलेखन, मुद्रलेखन, कम्प्यूटर के आवश्यक तकनीकी ज्ञान से कम से कम समय में समाचार तैयार करने और समाचार पत्र के मुद्रण की शैली व प्रस्तुतिकरण के ढंग के आधार पर समाचार प्रस्तुत करने में सहायता मिलती है।
५. संस्कृति का ज्ञान
भारतीय आदर्श व जीवनमूल्यों का निर्धारण संस्कृति करती है, जिससे हर भारतवासी किसी न किसी रूप में एक दूसरे से जु़ड़ा हुआ है। संवाददाता को अपने देश की संस्कृति का भली-भांति ज्ञान होना एक आवश्यक गुण माना जाता है, क्योंकि इसके कारण पाठकों की भावनाओं, विचारों व आवश्यकताओं को समझकर उसके अनुरूप समाचारों को प्रस्तुत करना संभव हो पाता है, जिससे समाचार पत्र की विश्वसनीयता और न्यायप्रियता उभरकर सामने आने में मदद मिलती है और समाचार पत्र जन-साधारण से मानसिक व भावनात्मक स्तर पर जुड़ जाता है और सामूहिक कल्याण करना संभव हो पाता है।
६. पाठक की रुचि का ज्ञान
संवाददाता का समाचार की समसामयिकता के साथ पाठक की रुचि का भी ख्याल रखना उसकी विशेष योग्यता माना जाता है, क्योंकि पाठकों की रुचि के आधार पर संकलित समाचार समाचार पत्र की लोकप्रियता को बढाने में सहायक होते हैं।
कुशल संवाददाता अपने संवाद की प्रस्तुति इस प्रकार सरल व सुंदर ढंग से करते हैं कि पाठकों को उसे समझने में कठिनाई न हो और वे उसमें अधिकाधिक रुचि लें।
७. जिज्ञासु वृत्ति
हर व्यक्ति के मन में पल-पल कई प्रश्न जन्म लेते रहते हैं, जिनमें से कुछ का उत्तर तो उसे यहां-वहां से, अपने आस-पड़ोस से, अपने प्रयासों से और निजी स्त्रोतों से मिल जाता है, परंतु कुछ महत्वपूर्ण व ठोस प्रश्नों के उत्तर के लिये उसे जन-संचार के अन्य माध्यमों पर निर्भर रहना पड़ता है।
पाठकों की जिज्ञासा को शांत करने के लिये संवाददाता में किसी घटना, समस्या या समाचार को जानने की उत्सुकता का गुण होना अवश्यंभावी होता है, क्योंकि उसकी अपनी जिज्ञासु वृत्ति ही किसी घटना या समाचार की गहरायी तक पहुंचने और वास्तविक तथ्यों, आंकड़ों और सूचनाओं को पाठकों के सामने प्रस्तुत करने में सहायक हो सकती है।
८. साहस और सहनशीलता
साहसी होना संवाददाता का एक मुख्य गुण है। कभी-कभी संवाददाता को समाचार इकट्ठा करने के लिये युद्ध, उपद्रव, प्राकृतिक प्रकोप, जोखिम भरे व खोजपूर्ण स्थानों पर जाना पड़ता है। ऐसे स्थलों पर एक साहसी संवाददाता ही कार्य कर सकता है।
सहनशीलता भी संवाददाता का आवश्यक गुण है। कई बार समाचार संकलन के लिये उसे काफी कष्टों का सामना करना पड़ता है। बिना खाये-पीये, बिना सोये कई-कई दिनों तक उसे कार्य करना पड़ता है। साथ ही, कभी कभी स्थानीय लोगों के दुर्व्यवहारों व यातनाओं का भी उसे सामना करना पड़ता है। ऐसे में सहनशीलता आवश्यक होती है, जिससे कि वह ऐसी स्थिति में भी अडिग रह सके।
९. सत्यनिष्ठा
सत्यनिष्ठा संवाददाता की एक बुनियादी आवश्यकता है। यदि वह सत्य निष्ठ होगा तो निष्पक्ष रूप से सच्चाई प्रस्तुत कर सकेगा। किसी भी घटना की सच्चाई का पाठकों के सामने लाना बड़ा महत्व रखता है, क्योंकि उसके आधार पर जन-सामान्य की आम राय बनती है। गलत समाचार देने से सामाजिक और राजनैतिक हलचल या तोड़-फोड़ की नौबत आ सकती है।
१०. एकाग्रचित्तता
एकाग्रचित्तता विचारधारा को शक्तिशाली और कल्पना को स्पष्ट करती है। एकाग्रता से संकलित व प्रस्तुत समाचारों को पढने से पाठक की दृष्टि, मनन शक्ति और कार्य शक्ति तीनों शक्तियां सक्रिय हो उठती हैं, इसलिये संवाददाता की यह जिम्मेदारी होती है कि घटना स्थल पर जो नहीं है उसका प्रतिनिधित्व करे, जटिल घटनाओं व विविध समस्याओं को न्याय देने का एकाग्रचित्तता से प्रयत्न करे और पाठकों को शिक्षित प्रशिक्षित और सही रूप से मार्गदर्शित करने का प्रयत्न करे।
११. शंकालु, जागरुक, सतर्क
शंकालु प्रवृत्ति, सतर्कता और चौकन्नापन संवाददाता के महत्वपूर्ण और अनिवार्य गुण हैं, क्योंकि सतर्क रहने पर ही संवाददाता के मन में किसी घटना विशेष के बारे में क्या, क्यों, कौन, कब, कैसे और कहां जैसे संशयात्मक प्रश्न उठते हैं, जो उनके उत्तर पाने के लिये संवाददाता को उत्प्रेरित करते हैं और घटना की गहरायी और सत्यता को जानने के लिये संवाददाता को और अधिक चौकन्ना बनाते हैं।
१२. भूत, वर्तमान और भविष्य दृष्टा (पूर्वानुमान)
संवाददाता में वर्तमान में रहते हुए, इतिहास को तौलते हुए और भविष्य पर नजर रखकर काम करने की योग्यता आवश्यक होती है।
किसी भी समाचार को प्रस्तुत करते समय उस समाचार की पिछली रूपरेखा का उल्लेख करने के साथ भविष्य में पड़ने वाले उसके प्रभाव के विवेचन विश्लेषण से पाठकों को उस समाचार की पूर्ण व सही ढंग से जानकारी मिलती है।
१३. संप्रेषणीयता
समाचार पत्रों का मुख्य तत्व विचारों का आदान प्रदान करना और संवाददाता का प्रमुख कार्य समाचार संकलन कर अपने विचार और भावना के सधे व सशक्त शब्दों के साथ अभिव्यक्त करना है, जिसके लिये मौलिक भाषा, विशिष्ट भाषा शैली व विचार प्रकट करने के अनोखे ढंग की निहायत आवश्यकता होती है।
१४. अच्छा वक्ता
अच्छे संवाददाता को एक अच्छा वक्ता होना चाहिए. इसके बिना वह अपनी बात को लोगों के सामने रख पाने में समर्थ नहीं होगा। लोगों के विचार, भावनाएं आदि को अच्छी तरह जान पाने में वह तभी सफल होगा, जब वह अपनी बात लोगों के सामने सही ढंग से प्रस्तुत कर सके। ऐसा वह तभी कर पाएगा, जब उसमें वक्तृत्व की क्षमता होगी।

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