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Tuesday, 16 December 2014

स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज



‘वेब’ की दुनिया में स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज का खास महत्त्व है। दिन-प्रतिदिन विकसित होती इंटरनेट टेक्नोलॉजी ने स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज के जानकारों के लिए भी सुनहरे अवसर पैदा किए हैं।

स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज या स्क्रिप्ट लैंग्वेज लैंग्वेजों की एक प्रमुख कैटगरी है, जो एक या अधिक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशंस को कंट्रोल करने की सुविधा देती है। स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज को यदि हम आम भाषा में बोलें तो यह उसी प्रकार से काम करती है, जैसे कोई एक्टर पहले से लिखी गई स्क्रिप्ट के अनुसार अपना डायलॉग बोलता है। स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज की सहायता से हम स्क्रिप्ट लिखते हैं और यह स्क्रिप्ट दूसरे डाटा और सिस्टम से इंटरेक्ट करने के बाद एग्जिक्यूट होकर अपना काम पूरा करती है। स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज को लाइट वेट (light weight) प्रोग्रामिंग लैंग्वेज भी कहा जाता है।

आमतौर पर स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज को एचटीएमएल (HTML) के अंदर इम्बेड किया जा सकता है। ऐसा करने से वेब पेज की फंक्शनेलिटी को काफी बढ़ाया जा सकता है, जैसे विभिन्न प्रकार के मेन्यू स्टाइल, ग्राफिक्स डिस्प्ले, डायनामिक एडवरटाइजिंग आदि को हैंडल किया जा सकता है और इसे आकर्षक बना सकते हैं। स्पेशलाइज्ड ग्राफिक्स यूजर इंटरफेस (जीयूआई) के लिए भी इसका उपयोग करते हैं।

स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज को हम सर्वर और क्लाइंट से भी जोड़ कर देख सकते हैं। सर्वर-साइड स्क्रिप्टिंग एक तरह की वेब टेक्नोलॉजी है, जहां किसी यूजर की रिक्वेस्ट को प्रोसेस करने के लिए संबंधित स्क्रिप्ट को सीधे वेब सर्वर पर रन कर डायनामिक वेब पेज जनरेट किया जाता है। वहीं, क्लाइंट-साइट स्क्रिप्टिंग में स्क्रिप्ट को आमतौर पर वेब ब्राउजर में ही रन किया जाता है।

कंप्यूटर एजुकेशन से संबंध रखने वाले छात्रों के मन में आमतौर पर स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज और प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को लेकर काफी भ्रम बना रहता है। इंटरव्यू में भी इन दोनों लैंग्वेज के बीच के अंतर से संबंधित प्रश्न प्रमुखता से पूछे जाते हैं।

प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (सी, सी++, विजुअल बेसिक) आदि में लिखे कोड्स को पहले कंपाइल करना जरूरी होता है। इसके बाद इसे रन किया जा सकता है। एक बार कंपाइल होने के बाद आप इसे कई बार रन कर सकते हैं। इन प्रोग्राम्स को रन करने से पहले एग्जिक्यूटेबल (executable) फाइल्स में परिवर्तित किया जाता है। इसके विपरीत स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज को कंपाइल करने की बजाए इंटरप्रेट किया जाता है। यहां एक कमांड को एक बार में इंटरप्रेट किया जाता है। इन्हें रन टाइम में इंटरप्रेट किया जाता है। कहने का मतलब है कि प्रत्येक बार जब आप प्रोग्राम को रन करना चाहते हैं तो हर बार एक अलग प्रोग्राम कोड्स को पढ़ेगा, फिर इसे इंटरप्रेट करने के बाद इन इंस्ट्रुक्शंस को एग्जिक्यूट किया जाता है।



जावास्क्रिप्ट
जावास्क्रिप्ट एक कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा है। यह एक स्क्रिप्टिंग भाषा है और मुख्यतः क्लाएंट साइड में वेबपेज के निर्माण में प्रयुक्त होती है।
प्रमुख विशेषताएं
जाल पृष्ठों के गत्यात्मक (dynamic) बनाने में उपयोगी
क्लाएंट साइड में (प्रयोक्ता के कम्प्यूटर पर) चलती है।
यह एक इन्टरप्रिटेड भाषा है।
आब्जेक्ट ओरिएन्टेड भाषा है।
इसमें प्रथम श्रेणी के फंशन हैं।
जावास्क्रिप्ट का सिन्टैक्स, सी के सिन्टैक्स से प्रभावित है।
जावास्क्रिप्ट का वास्तविक नाम "ECMAScript" है।

यद्यपि इसके नाम में जावा शब्द आया हुआ है, तथापि इसका जावा नामक प्रोग्रामन भाषा से कोई सम्बन्ध नही है। हाँ, जावा तथा जावास्क्रिप्ट दोनो का सिन्टैक्स, सी के सिन्टैक्स से प्रभावित है। जावास्क्रिप्ट की डिजाइन के मुख्य सिद्धान्त सेल्फ (Self) नामक प्रोग्रामिंग भाषा से लिये गये हैं।
जावास्क्रिप्ट के विभिन्न उपयोग
जावास्क्रिप्ट, एचटीएमएल डिजाइनरों के लिये प्रोग्रामिंग की सुविधा प्रदान करती है।
जावास्क्रिप्ट, एचटीएमएल पृष्ठों में गतिशील टेक्स्ट (dynamic text) डालने की सुविधा देती है।

उदाहरणः

document.write("<h1>" + name + "</h1>")

उपरोक्त जावास्क्रिप्ट स्टेटमेन्ट, किसी HTML पेज में चर-पाठ (variable text) लिखने के लिये प्रयोग किया जा सकता है।
जावास्क्रिप्ट, घटनाओं (events) के अनुसार वांछित प्रतिक्रिया करने के लिये उपयोग की जाती है। उदाहरण के लिये किसी एचटीएमएल पेज के किसी बटन पर क्लिक करने पर कोई पूर्व-निर्धारित कार्य करने के लिये।
जावास्क्रिप्ट, elements को पढ़ या लिख सकती है। इसका अर्थ यह हुआ कि किसी HTML पेज के किसी अवयव के बारे में जानकारी प्राप्त करके उसे बदला या हटाया जा सकता है। इस तरह उस पेज को परिवर्तित कर सकते हैं।
जावास्क्रिप्ट, आंकड़ों की जाँच-परख कर सकती है। किसी फार्म के प्रयोक्ता द्वारा उस फार्म में भरे गये आंकडों को पहले जाँच लेने के बाद सर्वर के पास भेजने से सुविधा हो जाती है। इससे सर्वर का समय बचता है और प्रयोक्ता को भी त्रुटियों की जानकारी जल्दी हो जाती है।
जावास्क्रिप्ट, किसी पेज पर आये आगन्तुक () के ब्राउजर के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकती है। इसका उपयोग करके उस ब्राउजर के अनुकूल समुचित व्यवहार कर सकती है ताकि वह पेज सभी ब्राउजरों में ठीक से दिखाया जा सके।
जावास्क्रिप्ट का प्रयोग कुक्की (cookies) के निर्माण में किया जा सकता है।

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